पेड़ों पर मिथिला पेंटिंग उकेड़ती इन महिलाओं को देखिए| कितनी मेहनत और लगन के साथ ये महिलाएं पेड़ों पर कलाकृति बनाने में लगी हैं| भला अब आप सोचेंगे कि आखिर ये महिलाएं पेड़ों पर पेंटिंग क्यों बना रही हैं| तो हम आपको बताते हैं| दरअसल इन महिलाओं ने बीड़ा उठाया है पर्यावरण संरक्षण का,पेड़ों की अंधाधुंध कटाई को रोकने का| सुपौल जिले के त्रिवेणीगंज इलाके की रहने वाली ये महिलाएं पेड़ों पर पेंटिंग कर लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरुक कर रही हैं| बकायदा पेड़ों पर पेंटिगं बनाने वाली ऐसी महिलाओं का एक ग्रुप है जिन्होंने लोगों का जागरुक करने का बीड़ा उठाया है| ये महिलाएं रोजाना पेड़ों पर मधुबनी पेंटिंग बनाकर है और उन्हें बचाने की कोशिश में लगी हैं| महिलाओं की इस पहल की लोग काफीप प्रशंसा कर रहे हैं| सबसे खास बात ये है कि इस पहल के पीछे मिथिला पेंटिंग की जनक कही जाने वाली महासुंदरी देवी का परिवार लगा हुआ है| मिथिला पेंटिंग के लिए महासुंदीर देवी को साल 2011 में पद्म विभुषण की उपाधि से सम्मानित किया जा चुका है| इस काम में महासुंदरी देवी की पुत्रवधु भी पूरी लगन के साथ शामिल हैं और उन्होंने पेड़ों को कैसे बचाया जाए इसके लिए इलाके की महिलाओं को काफी जागरुक किया है| महासुंदरी देवी के परिवार की इस पहल और पेड़ों की रक्षा के लिए उनके उठाए गए कदम को देखते हुए त्रिवेणीगंज के अनुमंडल पदाधिकारी ने उन्हें हर तरीके की मदद देने की पेशकश की है|
महासुंदरी देवी की कुछ दिन पहले ही मौत हो चुकी है| लेकिन उनके परिवारवालों ने पेंटिंग की मदद से पर्यावरण रक्षा और पेड़ों की रक्षा का जो नेक कदम उठाया है उसकी चारों ओर तारीफ हो रही है| पूरा परिवार और इलाके की महिलाओं ने पेड़ों की रक्षा को एक चुनौती के तौर पर लिया है और इसमें प्रशासन की मदद के चलते वो इसमें काफी सफल भी हो रही हैं|