नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ संसद के बजट सत्र की शुरूआत आज से शुरू हो गई है। यह सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 13 फरवरी को खत्म होगा। इस सत्र की शुरूआत में आज राष्ट्रपति ने 65 मिनट का अभिभाषण दिया। जिसमें उन्होंने मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड पेश किया और विकास कार्यों के विस्तार का पूरा ब्यौरा दिया। लेकिन उनके भाषण के 2 शब्द ऐसे रहे जिन्होंने सबसे ज्यादा तालियां बटोरीं।
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राष्ट्रपति ने देश की सैन्य उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि विश्व पटल में जहां एक ओर भारत हर देश के साथ मधुर संबंध का हिमायती है, वहीं दूसरी ओर हर चुनौती से निपटने के लिए हमें खुद को हर पल सशक्त भी करते रहना है। बदलते हुए भारत ने सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक करके अपनी नई नीति का परिचय भी दिया है।
सर्जिकल स्ट्राइक की हुई सराहना
उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र करते हुए कहा कि, भारत पिछले साल उन चुनिंदा देशों में शामिल हुआ है जिनके पास परमाणु त्रिकोण की क्षमता है। हमारी सेनाओं और उनका मनोबल 21वीं सदी के सामर्थ्य का प्रतीक है। उनकी इस बात पर पूरा संसद तालियों से गूंज उठा।
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रक्षा क्षेत्र के लिए राफेल अहम
राफेल का जिक्र आया तो फिर से सेंट्रल हॉल में बैठे सत्तापक्ष के सांसदों का जोश उफान पर आ गया। काफी देर तक उन्होंने राष्ट्रपति के इस कथन के बाद मेज थपथपाकर अपनी खुशी का इजहार किया। यही नहीं, सदन में बैठे कुछ सांसद राफेल के जिक्र के बाद विपक्षी सांसदों की ओर तंज भरे लहजे में देखते भी नजर आए और उनके चेहरों में मानो किसी जीत की खुशी झलक रही थी।
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हाल के दिनों में राफेल रक्षा डील कम, बल्कि सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच सियासी लड़ाई का जरिया ज्यादा बन गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी सीधे तौर पर इस डील में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रहे हैं, तो वहीं सरकार इस डील के वायुसेना की जरूरत और देश के गौरव के तौर पर प्रोजेक्ट करने में लगी है। राफेल डील को लेकर संसद से सड़क तक विपक्ष और सत्तापक्ष मोर्चा बंद करने में जुटे हुए हैं।