पिछले कुछ दिनों से राजनितिक गलियारों में प्रियंका गाँधी के चुनाव की सीट को लेकर अटकले जोरो पर थी। अभी 28 मार्च को रायबरेली में जब प्रियंका गांधी कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के लिए प्रचार करने पहुंचीं, तब कार्यकर्ताओं ने उनसे चुनाव लड़ने की मांग की, तब उन्होंने पलटकर कार्यकर्ताओं से ही पूछ लिया कि वाराणसी से चुनाव लड़ूं क्या? कांग्रेस की महासचिव और पूर्वी यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच पूरी बातचीत अनौपचारिक तौर पर थी। प्रियंका गाँधी के इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारे में इस बात की चर्चा होने लगी थी कि प्रियंका वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ सकती हैं।
इसे भी पढ़ें: फानी तूफान बना लोगों के लिए आफत
अटकलों का बाजार तब गरम हुआ जब प्रियंका गाँधी के पति रोबर्ट वाड्रा ने भी उनके वाराणसी सीट से चुनाव लड़ने की बात का समर्थन किया। उन्होंने कहा की प्रियंका को बस पार्टी की हां का इंतज़ार है। उत्तर प्रदेश में स्तिथ वाराणसी देश की सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से एक है, वर्तमान प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 2014 में वाराणसी से ही सीट जीतकर संसद पहुंचे थे।
इसे भी पढ़ें: दबंग की मुन्नी का हॉट अवतार आपके छुड़ा देगा पसीना
ये थी प्रियंका के चुनाव ना लड़ने की वजह
रविवार को एक रैली के दौरान प्रियंका गांधी ने वाराणसी से चुनाव ना लड़ने की वजह को स्पष्ट किया। 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रियंका गांधी कांग्रेस पार्टी की महासचिव और पूर्वी यूपी की प्रभारी है। प्रियंका गाँधी ने कहा कि पार्टी की ओर से यूपी की 41 सीटों पर उन्हें प्रचार अभियान की जिम्मेदारी दी गई है, ऐसे में सिर्फ एक सीट पर चुनाव लड़ने की स्थिति में उनके लिए सभी सीटों पर ध्यान लगाना संभव नहीं हो पाएगा। प्रियंका ने एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में कहा कि चुनाव अभियान की जिम्मेदारी को देखते हुए ही पार्टी ने सामूहिक रूप से यह फैसला किया कि फिलहाल मुझे वाराणसी में चुनाव नहीं लड़ना चाहिए। प्रियंका गाँधी ने यह भी कहा कि कई सीटों पर पार्टी के प्रत्याशी मुझे अपना चुनाव प्रचार के लिए बुलाना चाहते थे,ऐसे में मैं किसी को भी निराश नहीं करना चाहती थी।
फिलहाल प्रियंका के वाराणसी से चुनाव लड़ने की खबर पूरी तरह समाप्त हो गई है, क्यूंकि अब वाराणसी से कांग्रेस के अजय राय को टिकट दिया गया है। कांग्रेस ने इससे पहले 2014 में भी अजय राय को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन वो अपनी जमानत भी नहीं बचा सके थे।