कहा जाता है कि रेल चलती है तो भारत चलता है| इस देश के लोअर क्लास, मिड्ल क्लास के सफर का माध्यम माना जाता है रेलवे| लेकिन महंगाई के मार से दबा मिड्ल क्लास एक बार फिर से रेलवे की मनमानी का शिकार होने जा रहा है| रेलने ने अगर अपनी योजनाओं पर मुहर लगा दी तो अब लोगों को लोअर बर्थ के अलग से पैसे चुकाने होंगे वो भी 50 रुपए से लेकर 100 रुपए तक| सोशल मीडिया पर जैसे ही इससे संबंधित खबर आई लोग बेचैन होने लगे और रेल मंत्री प्रभु को कोसने लगे| इसके पीछे तर्क भी है| लोगों की शिकायत है कि बमुश्किल ही कोई ट्रेन अपनी नियत समय पर चल रही है,ट्रेनों की साफ-सफाई तो भगवान भरोसे है| ऐसे में बिना सुविधाओं का विस्तार किए या फिर सुविधाएं दिए यात्रियों की जेबों से पैसे निकालना भला कैसे पचता! सोशल साइट पर प्रभु की जमकर खिंचाई की गई और लोगों ने ही रेलवे को लोगों की जेबों से पैसे निकालने की तरकीब बताई|
आमतौर पर भारतीय रेलवे कोच में तीन स्तर पर सोने की व्यवस्था होती है| इसमें दिन में और रात नौ बजे तक यात्री लोअर बर्थ पर ही बैठे रहते हैं| इसके बाद अपनी सीटों पर शिफ्ट होते हैं| आम भारतीय मानसिकता है कि लोअर बर्थ के टिकट धारक की हैसियत मालिक जैसी होती है और वह अक्सर खिड़की के पास ही बैठा पाया जाता है|इ ससे उसे न सिर्फ बाहर के नजारों का आनंद मिलता है बल्कि ताजी हवा भी सबसे ज्यादा मिलती है| उम्रदराज लोगों और महिलाओं के लिए भी लोअर बर्थ बेहद आरामदेह साबित होती है| सोशल मीडिया पर लोअर बर्थ महंगा करने की तैयारी की खबर पर सुरेश प्रभु को ट्रोल कर लिया गया है| लोगों ने इस बार महंगा करने की खबर पर चुटकी लेते हुए सुरेश प्रभु को कई नायाब तरीके सुझाए हैं| कुछ ऐसे ही तरीके सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं|जरा आप भी गौर फरमाइए|
1. इंजन के साथ वाले डिब्बे का किराया ज्यादा होना चाहिये क्योंकि ये सबसे पहले पहुंचता है.
2. प्लेटफार्म 1 पर ठहरने वाली गाड़ियों का किराया भी ज़्यादा वसूला जाना चाहिए.
3. पत्नी को मायके छोड़ने जाते हुए पुरुषों से 4 गुणा किराया भी लिया जा सकता है.
4. ट्रेन में लटक कर यात्रा करते हुए स्पाईडर मैन की फीलिंग लेने पर एक्स्ट्रा चार्ज लगे.
5. पायदान पर गमछा बिछाकर बैठने पर दुगुना किराया होना चाहिए.
6. पंखा चलाने, मोबाइल चार्जिंग करने का 50 रुपये सरचार्ज भी लिया जाना चाहिए.
7. ट्रेन में बैठकर ताश खेलने पर मनोरंजन कर भी वसूल किया जा सकता है.
8. सुबह पटरियों पर प्रेस कांफ्रेंस करने वालों से 5—5 रुपये वसूल करके भी सालाना अरबों रुपये की आय बढ़ाई जा सकती है
9. एक्सप्रेस ट्रेन से ज्यादा, पैसेंजर ट्रेन सैर कराती है, जंगल, पहाड़ और खेतों के बीच रोककर यात्रियों को प्रकृति से संबंध बनाने का अवसर भी प्रदान करती है, अत: उसका किराया बढ़ाकर उसे पर्यटन रेलगाड़ी भी घोषित किया जा सकता है.