राज्य में मादा बछड़ों के जन्म को कैसे बढ़ाया जाए इसको लेकर राज्य सरकार एक नया तरीका अपनाने पर विचार कर रही है| ‘सॉर्टेड सीमेन स्ट्रॉ’ नाम की इस विधि से केवल मादा बछड़ों के जन्म को सुनिश्चित किया जाएगा| वर्तमान वित्तीय साल में छह जिलों में ये योजना पायलट परियोजना के तौर पर शुरु की जा रही है| जिसमें सरकार पशुपालक किसानों को अपनी गायों के लिए विशेष गर्भधारण विधि अपनाने के लिए 45 प्रतिशत सब्सिडी की पेशकश कर रही है| ‘सॉर्टेड सीमेन स्ट्रॉ’ विधि से दरअसल केवल मादा बछड़ों का जन्म सुनिश्चित किया जा सकता है| इस परियोजना के लिए जो गाएं चुनी जा रही हैं उसमें इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि गाएं पहली बार गर्भधारण करने जा रही हों| विशेषज्ञों कादावा है कि ‘सॉर्टेड सीमेन स्ट्रॉ’ विधि के जरिए 90 प्रतिशत तक सफलता प्राप्त की जा सकती है|
विशेषज्ञों के मुताबिक प्रत्येक साल तकरीबन 25—26 लाख गाएं कृत्रिम गर्भाधान से गुजरती हैं और इसमें नर-मादा बछड़ों की संभावना आधी-आधी देखने को मिलती है| इससे सूबे में दुग्ध उत्पादन में बढोतरी होगी और दुग्ध पर आधारित वस्तुओं के उत्पादन में भी इजाफा होगा| पशुपालकों की आमदनी बेहतर होगी और जीवन स्तर में सुधार होगा|
BAIF Development and Research Foundation हर पंचायत में पशुपालक किसानों को सॉर्ट किए गए सीमेन प्रदान करेगी| इसमें किसानों को 55 फीसदी लागत आएगी, बाकी का खर्च सरकार उठाएगी| पायलट प्रोजेक्ट के लिए जिन छह जिलों का चयन किया गया है उनमें नालंदा, भोजपुर, सारण, गोपालगंज, बक्सर और गया शामिल हैं.