वैशाली सांसद रामा सिंह के पुत्र की लाश पटना पहुंचते ही घर में कोहराम मच गया| मां का रो-रो कर बुरा हाल है और वो अपने बेटे के शव से लिपट कर रो रही थी और बार-बार बेहोश हो जा रही थी| मौजूद लोग उन्हें समझाने की लाख कोशिश कर रहे थे लेकिन भला मां कहां मानने वाली थी| आखिर कलेजे के टुकड़े को ऐसे कैसे खुद के सामने जाते देख सकती थीं| मृत राजीव की पत्नी को भी कोई होश नहीं था और वो बार-बार राजीव को लाने की बात कर रही थी,लेकिन भला जाने वाला कहां लौट कर आता है| पटना के राजीव नगर घर पर सुबह लाश पहुंचते ही घर से रोने की आवाज सुनकर आस-पड़ोस के लोग रामा सिंह की घर की तरफ दौड़ पड़े | सांसद के जिस परिजन भी एक-एक कर घर पहुंचकर सांसद को सांत्वना दी| शव के पटना पहुंचते ही सांसद के घर राजनीतिक लोगों के आने का भई सिलसिला शुरु हो गया तमाम राजनीतिक विरोधों के बावजूद कई पार्टी के नेता सांसद को सांत्वना देने उनके घर आए|
सासंद रामा सिंह बताते हैं कि राजीव को तेज गाड़ी चलाने का शौक था और बार-बार मना करने पर भी वो गाड़ी से ही ज्यादातर शिमला से पटना आता था| राजीव को कई बार घरवालों ने तेज गाड़ी चलाने से मना किया लेकिन राजीव नहीं माने| राजीव ने शिमला में ही कार खरीदी थी| स्नूकर के शौकीन राजीव तेज गाड़ी चलाने के भी शौकीन थे| सांसद बताते हैं कि इसी शौक की वजह से उसकी जान गई|
बता दें कि रविवार को वैशाली के लोजपा सांसद रामा सिंह के बेटे राजीव प्रताप सिंह की मौत एक सड़क हादसे के दौरान इलाहाबाद में हो गई| बेटे की मौत की खबर जब सांसद रामा सिंह को मिली, तब वे झारखंड में थे| राजीव प्रताप का घर में दुलार का नाम राहुल था| पिछले साल 2016 में 16 मई को ही रामा सिंह ने अपने इकलौते बेटे राजीव की शादी बड़े धूमधाम से की थी|
राजीव की आदत थी कि वो गाड़ी खुद चलाने पर ज्यादा भरोसा करता था| मां-पिता कितना भी कहते, ड्राईवरों पर राजीव का भरोसा नहीं होता था| तभी तो वह फिर से होंडा सिटी कार को लेकर अकेले दिल्ली होते हुए हिमाचल प्रदेश जाने को निकल पड़ा था|
पटना से चलने के बाद वह कुछ देर के लिए वाराणसी में रुका था| दुर्घटना इलाहाबाद-वाराणसी हाईवे पर बनकट गांव के पास दोपहर 3 बजे के करीब हुई| राजीव अपनी कार को ओवरटेक करने की कोशिश कर रहा था, तभी कार ट्रक से भिड़ गई| टक्कर लगते ही कार पलटी और सर्विस लेन से नीचे जा गिरी| हादसा देख स्थानीय लोगों ने पुलिस को खबर दी, गंभीर रूप से घायल राजीव को स्वरुप रानी नेहरु अस्पताल ले गए, जहां डोक्टरों ने मृत घोषित कर दिया