23 दिसंबर का दिन लालू प्रसाद यादव और उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के लिए बेहद अहम है। 23 दिसंबर को चर्चित चारा घोटाला मामले में सीबीआई की विशेष अदालत अपना फैसला सुनाएगी। लालू प्रसाद यादव पहले ही इस मामले में दोषी करार दिये जा चुके हैं। घोटाले से जुड़े कांड संख्या आर सी 64 ए 96 में सीबीआई की विशेष अदालत उस दिन अपना अहम फैसला सुनाने वाली है। देवघर कोषागार से लगभग एक करोड़ की अवैध निकासी से जुड़े इस मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद , जगन्नाथ मिश्र,आर के राणा, घ्रूव भगत, विद्या सागर निषाद, फूलचंद सिंह, बेक जुलियस और जगदीश शर्मा समेत कुल 43 आरोपी हैं।
इधर कोर्ट का फैसला आने से पहले यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस मामले में लालू प्रसाद यादव का सजा हो सकती है। सवाल यह है कि अगर लालू प्रसाद यादव को सजा सुनाई जाती है और वो जेल जाते हैं तो राष्ट्रीय जनता दल का क्या होगा? हालांकि लालू यादव कई मौकों पर कह चुके हैं कि उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव के हाथ में ही पार्टी की बोगडोर होगी। हालांकि तेजस्वी को कमान सौंपने का औपचारिका एलान तो अभी नहीं हुआ है, लेकिन उम्मीद यह भी लगाई जा रही है कि अगर ऐसा हुआ तो पार्टी के कई पुराने नेता इस फैसले के खिलाफ भी जा सकते हैं। भीतरखाने से खबर है कि राजद के असंतुष्ट नेता पार्टी में परिवारवाद थोपे जाने से आहत हैं। वे मौके की तलाश में हैं।
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लालू पहले भी जा चुके हैं जेल
इससे पहले भी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव कई बार सलाखों के पीछे जा चुके है। चारा घोटाले में ही पत्नी को मुख्यमंत्री बनाकर जेल गए थे। लेकिन, उस वक्त राजद सत्ता में थी। लालू अंतिम बार अक्टूबर 2013 में जेल गए थे।