नई दिल्ली। बिहार की राजनीति से रोजाना कोई ना कोई नई खबरें सामने आ रही हैं। अब खबर है कि, उपेंद्र कुशवाह ने एनडीए का साथ पूरी तरह से छोड़ दिया है। लेकिन आप सोच रहे होंगे की अगर उन्होंने एनडीए छोड़ दी है, तो वो अब क्या करेंगे। आपको बता दें कि, वो एनडीए को छोड़ने के बाद महागठबंधन में शामिल हो गए हैं। जब उन्होंने महागठबंधन का हाथ थामा, उस समय आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, जीतन राम मांझी, अहमद पटेल और शक्ति सिंह गोहिल मौजूद रहे। कांग्रेस नेता अहमद पटेल और शाक्ति सिंह ने कुशवाहा के महागठबंधन में शामिल होने पर खुशी जाहिर की और उनका स्वागत किया है।
इसे भी पढ़ें: आज ही निपटा लें बैंक के जरूरी काम, कल से 5 दिन के लिए बंद रहेंगे बैंक
महागठबंधन में शामिल होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा ने बताया कि वह 2014 में एनडीए में शामिल हुए थे और लोकसभा चुनाव से पहले पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने वादा किया था कि पढ़ाई, दवाई और कमाई के लिए अब बिहार से बाहर नहीं जाना होगा। लेकिन नौजवान आज भी बड़ी संख्या में पलायन कर रहे हैं। उनकी कथनी और करनी में बहुत फर्क देखा। सरकार में रहते हुए कई बार मामला उठाया लेकिन उसके बाद उन्होंने मुझे बर्बाद करने की कोशिश की। इतना ही नहीं हमारी सीटें कम की गई।
इसे भी पढ़ें: बिहार-यूपी वाले कमेंट पर घिरे म.प्र के सीएम कमलनाथ, दो जिलों में दर्ज हुई शिकायत
कुशवाहा ने की राहुल गांधी की तारीफ
उधर, राहुल गांधी की तरीफ करते हुए रालोसपा नेता ने कहा कि उन्होंने चुनावी रैलियों में किसानों की कर्ज माफी की बात कही थी और चुनाव खत्म होते ही उनकी सरकारों ने पहला काम किसानों की कर्जमाफी का किया।
एनडीए छोड़ने की थी ये भी वजह
कुशवाहा ने एक पत्रकार के सवाल में कहा कि वह लोकसभा चुनाव में कम सीट मिलने की वजह से ही एनडीए से अलग नहीं हुए हैं। बल्कि साजिश के तहत उनकी पार्टी को कमजोर किया जा रहा था क्योंकि वह सोशल जस्टिस के मामले उठाते रहते थे।
इसे भी पढ़ें: जॉनसन एंड जॉनसन बेबी पाउडर के सैंपल जब्त, बच्चों को है कैंसर का खतरा
तेजस्वी यादव से सर्किट हाउस में मुलाकात पर कुशवाहा ने कहा कि उनसे मुलाकात आकस्मित थी। उन्होंने कि सबको पता है कि शिक्षा मंत्री का क्या काम होता है। टीचरों की बहाली करने में बिहार सरकार नाकाम रही है और केन्द्रीय विद्यालयों में देख लीजिए केन्द्र सरकार ने कितने शिक्षकों की बहाली की है। जब उनसे पूछा गया कि आपको पार्टी में मुख्यमंत्री का उम्मीदवार कहा जाता था तो उन्होंने कहा कि अभी लोकसभा का चुनाव होना है विधानसभा का नहीं तो ये बरसाती सवाल मत पूछिए।
इसे भी पढ़ें: कमलनाथ के बयान से बढ़ा बिहार की राजनीति का तापमान