बिहार के रोहतास जिले का संझौली ब्लॉक बिहार का पहला ऐसा ब्लॉक हुआ जो ‘खुले से शौच मुक्त’ हो गया है। इसका सबसे बड़ा श्रेय वहां के लोगों को जाता है, जिन्होंने दृढ़ निश्चय करके ये मुकाम हासिल किया। बिहार का यह जिला तब सुर्ख़ियों में आया था जब संझौली की एक महिला ने शौचालय बनाने के लिए अपना ‘मंगलसूत्र’ तक बेच दिया था।
रोहतास जिले के अधिकारी व आम लोगों ने मिलकर एक मुहिम चलाई, जिसका नाम है, ‘मिशन प्रतिष्ठा’। इस मुहिम में वहां के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और उसे सफल बना दिया। छह पंचायत और 64 गांवों वाले संझौली ब्लॉक ने जन-भागीदारी, प्रशासन और यूनिसेफ के सहयोग से बहुत ही कम समय में स्वच्छता की ओर कदम बढ़ाया है। 55 दिनों मे इस प्रखंड ने सात हजार शौचालय बनाए गए। बिहार में शौचालय बनाने के लिए ग्राम विकास विभाग को नोडल विभाग बनाए जाने के बाद यह खुले में शौच मुक्त होने वाला पहला प्रखंड है। यह वही प्रखंड है जो कि बाराखाना की मिड-डे मिल की रसोइया फूल कुमारी द्वारा अपने शादी का मंगलसूत्र गिरवी रखकर शौचालय बनाई थी।
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बताते चले कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2 अक्टूबर 2016 को खुले मंच से लोगों से मिल-जुलकर भारत को स्वच्छ बनाने की अपील की थी। जिसे संझौली प्रखंड के लोगों ने स्वीकार करते हुए बड़ी विजय प्राप्त की।
इन लोगों के सहयोग से मिशन हुआ पूरा-
गंदगी के खिलाफ इस जंग की कहानी फूल कुमारी, सरोज कुमारी, अवधेष और विभेद पासवान जैसे लोगों के बिना अधूरी हैं। मीडिया की सुर्खियों में रही फूल कुमारी ने जहां शौचालय बनवाने के लिए अपने मंगलसूत्र को गिरवी रखा और एक नई मिसाल पेश की। बाद में रोहतास के जिलाधिकारी ने उन्हें स्वच्छता अभियान के बाद ब्रांड एंबेसडर बनाया। उदयपुर पंचायत की सरोज कुमारी ने बाहर शौच करने के दौरान सांप काटने से अपने पति के मृत्यु के बाद शौचालय निर्माण के लिए लोगों को प्रेरित करना जीवन का मकसद बना लिया। वो अपनी कहानी बता कर लोगों से शौचालय बनावाने का आग्रह
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करती और उन्हें समझाती कि अगर वो अपने पति और बच्चे की सलामती चाहती हैं तो अपने घरों में शौचालय बनावाएं। इन नायकों के अतिरिक्त विभेद पासवान जैसे लोक गायक इस मुहिम को जन आंदोलन का रूप देने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। पासवान, शौचालय निर्माण के महत्व पर गीत लिखकर लोगों के बीच उसे गातें हैं और उन्हें अपने गीत और संगीत के माध्यम से प्रेरित भी करते हैं।