नई दिल्ली। रूस दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन बाज़ार में लाने के लिए तैयार है, भले ही इस वैक्सीन की प्रभावशीलता और सुरक्षा पर कुछ विशेषज्ञों द्वारा संदेह किया जा रहा है। रूसी वैक्सीन पर आशंका ज़ाहिर करने वालों का कहना है कि इस वैक्सीन का ट्रायल दो महीने से भी कम वक़्त के लिए किया गया, ऐसे में इसे इंसानों के लिए सुरक्षित घोषित करने में कहीं जल्दबाज़ी तो नहीं की गई। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को घोषणा की थी कि रूस ने कोविड-19 की पहली वैक्सीन तैयार कर ली है, जिसने सभी ज़रूरी परीक्षणों को पार किया है और यह वैक्सीन कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ इम्युनिटी देने में सफल साबित हुई है।
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रूस ने इस वैक्सीन का नाम स्पूतनिक वी रखा है, हालाकि इस वैक्सीन ने तीसरे चरण का ट्रायल पूरा नहीं किया है, जिसपर हजारो प्रतिभागियों के साथ व्यापक तरीके से टेस्टिंग की जाती है। WHO की रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में 200 ऐसे उम्मीदवार है जिन्होंने कोरोना वैक्सीन ट्रायल करने का दावा किया है। और इनमें से 24 ऐसे हैं जिनकी वैक्सीन का ट्रायल इंसानो पर किया जा रहा है।
एक रिपोर्ट के अनुसार रूस ने पहले और दूसरे चरण का ट्रायल अगस्त के महीने में कर लिया था, जिसके बाद दावा किया गया कि इसके परिणाम सही आए हैं, और इसके साइड इफेक्ट इंसानों पर नहीं देखा गया। लेकिन इससे जुड़ी कोई भी ठोस रिपोर्ट अभी रूस की ओर से जारी नहीं की गई है। इसी के साथ एक दावा और किया गया कि, इस वैक्सीन के ट्रायल साउदी अरब, मैक्सीको और ब्राजील में किए जाएगे। इससे एक बात साफ है कि रूस की इस वैक्सीन ने तीनों चरण अभी पूरे नहीं किए हैं।
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वहीं कुछ देश ऐसे हैं जो रूस द्वारा तैयार की गई वैक्सीन की खबर से काफी उत्साहित हैं, वहीं WHO बिना रिपोर्ट के इस वैक्सीन को नाकार रहा है, उन्होंने इसकी दोबारा समीक्षा करने की बात रखी है। अब देखने वाली बात ये है कि, किसके दावे होंगे सही साबित… ताजा जानकारी से जुड़ी और खबरे देखने के लिए ट्रेंडिंग न्यूज के यूट्यूब चैनल को सब्स्काइब जरूर करें।
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