छपरा बनियापुर रोड के हरपुर शिवालय मंदिर से गुजरते ही बरबस लोग वहां रुक जाते हैं…और बच्चों के मुंह से वेद के श्लोकों का पाठ सुनकर दंग रह जाते हैं….इससे उनके कानों को सुखद अनुभूति तो होती ही है साथ ही रोजाना उन्हें वेदों के बारे में सही जानकारी भी मिल रही है| बच्चों के मुंह से स्वस्ति वाचन का पाठ सुनकर रोजाना इस विद्यालय में लोगों की भीड़ जुटती है और लोग घंटों संस्कृत और वेद का पाठ सुनते हैं| मुंडे हुए बाल और सर पर लंबी शिखाएं रखे ये बच्चे हैं उदासीन गुरुकुलम वेद वेदांत विद्यालय के जिसकी स्थापना केवल संस्कृत और वेद की शिक्षा देने के लिए ही की गई है| इस विद्यालय के संस्थापक हैं संत दामोदर दास उदासीन बाबा| जिनकी कोशिशों के चलते ये विद्यालय एक महीने पहले ही आस्तित्व में आया है|
शुरुआती दौर में कुल नौ बच्चों से इस विद्यालय की शुरुआत हुई थी लेकिन आज इस वेद विद्यालय में तीस बच्चे वेद और संस्कृत की शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं| गुरुकुल की तर्ज पर यहां मुफ्त में बच्चो को वेद की शिक्षा दी जा रही है|इनको वेदों की बेहतर शिक्षा कैसे मिले इसके लिए वाराणसी और अयोध्या से आचार्यों को बुलाया गया है|बच्चों को वेद की शिक्षा देने के मामले पर उदासीन बाबा कहते हैं कि देश में संस्कृत और वेद की उपेक्षा की जा रही है ऐसे में बच्चों को ऐसी शिक्षा देना बेहद जरुरी है|इस वेद विद्यालय की सबसे खास बात ये है कि यहां पढ़ने वाले छात्रों के बीच कोई जाति बंधन नहीं है और सभी जातियों के बच्चे यहां वेद और संस्कृत की शिक्षा ले रहे हैं|