पिछले साल का टॉपर कांड का मामला अभी सुलझा भी नहीं है कि इस बार के आर्ट्स टॉपर के बारे में एक बार फिर से सवालिया निशान लग रहे हैं| इस बार के आर्ट्स टॉपर गणेश की सफलता भी सवालों के घेरे में है| सवाल उठने के पीछे मजबूत तर्क भी है उसने जिस रामनंदन सिंह जगदीप नारायण उच्च माध्यमिक विद्यालय,ताजपुर से पढ़ाई की है और फॉर्म भरा है, वह स्कूल देखने से बिल्कुल साधनविहीन नजर आता है|
सबसे बड़ी बात तो यह है कि इस स्कूल के नाम की जानकारी जिला शिक्षा पदाधिकारी तक को भी नहीं थी। हालांकि, स्कूल प्रबंधन की राजनीतिक गलियारों में पहुंच होने की बात सामने आ रही है। गणेश गिरिडीह से इस साधनविहीन स्कूल में क्यों पढ़ने आया? यह शक पैदा कर रहा है।
जिस स्कूल से गणेश कुमार ने टॉप किया है, उसमें एक भी प्रशिक्षित शिक्षक नहीं है। स्कूल में मात्र छह क्लास रूम हैं। इनमें न तो दरवाजा है और न ही खिड़की। ना ही दीवार पर प्लास्टर है और न ही फर्श बना है। प्रयोगशाला भी नाम के लिए है। लाइब्रेरी में नाममात्र की किताबें हैं। भवन की पक्की छत भी नहीं है। ना ही स्कूल में बिजली है।
दूसरी संदेहास्पद बात यह कि इस स्कूल में म्यूजिक का कोई सामान उपलब्ध नहीं है। लेकिन, टॉपर गणेश ने म्यूजिक विषय से परीक्षा और दी और उसे प्रैक्टिकल में 70 में 65 अंक भी मिले। वहीं म्यूजिक के 30 अंक की थ्योरी में उसे 18 अंक मिले हैं। हिंदी में 100 में 92 अंक मिले।