बिहार के 1317 स्कूलों पर सरकारी जांच की तलवार लटक रही है| बिहार विद्यालय परीक्षा समिति पटना हाईकोर्ट के निर्देश पर इन स्कूलों की जांच शुरु करने जा रही है| इनमें 715 हाईस्कूल और 602 प्लस टू स्कूल शामिल हैं| अगर स्कूल जांच के मानकों को पूरा नहीं करते हैं तो उनकी मान्यता भी रद्द कर दी जा सकती है| इन 1317 स्कूलों की जांच संबद्धता विनियमावली 2011 के विनियम तीन के उपनियम चार के तहत की जाएगी| दरअसल संबद्धता नियम तीन में स्कूलों के लिए कुछ मानक बनाए गए हैं जिसका पालन करना जरूरी है|
जानकारी के मुताबिक सैंकड़ों ऐसे स्कूल और इंटर कॉलेज हैं,जो 20 से 25 साल पहले खोले गए लेकिन इनकी जांच नहीं हुई| संबद्धता नियमावली 2011 बनने के बाद इन तमाम स्कूलों-कॉलेजों को तीन साल का समय दिया गया था कि वो तय मानक को पूरा कर लें| अब उस नियमावली के अंतर्गत इन स्कूलों की जाएगी| बता दें कि 212 स्कूल और इंटर कॉलेजों की जांच के बाद हाईकोर्ट ने बिहार बोर्ड को राज्य के सभी इंटर स्तरीय शिक्षण संस्थानों की जांच करने का आदेश दिया था|
बोर्ड सूत्रों के अनुसार जिन स्कूलों व इंटर कॉलेजों की जांच करवायी जायेगी, उनमें से 90% ऐसे हैं, जो संबद्धता विनियमावली 2011 के मानकों को पूरा नहीं करते हैं| सैकड़ों कॉलेज एक कमरे या बस कागज पर चल रहे हैं| ऐसे कई कॉलेजों पर हाइकोर्ट ने भी प्रश्नचिह्न उठाया है जो केवल अनुदान लेते हैं, लेकिन गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं देते हैं|