सूबे में चूहों ने थानों के मालखानों में रखी लाखों लीटर शराब पी ली,ये कहानी तो अभी कुछ दिन पहले ही सुनी| अब जरा एक और कारस्तानी पर नजर डालिए| जिसपर आपको भरोसा नहीं होगा| अररिया जिले में दो लाख भूतों ने छात्रों को दिया जाने वाला मिड डे मील खा लिया| भरोसा करेंगे आप?नहीं ना!लेकिन चूंकि ये सरकारी रिपोर्ट है तो आप ना चाहते हुए भी इसपर भरोसा कर लेंगे जैसे चूहों के मामले में सूबे के लोगों ने किया| अब जरा कहानी जानिए| जिले के 251 प्राथमिक स्कूलों के हेडमास्टरों पर मिड डे मील में गड़बड़ी होने पर जुर्माना लगाया गया है|दरअसल कहानी हैरान करने वाली है और सोचने को मजबूर करने वाली भी| दरअसल ये मामला तब सामने आया जब मिड डे मील की सालाना समीक्षा की जा रही थी| इस दौरान स्कूलों द्वारा जो रिपोर्ट पेश की गई वो वाकई हैरतअंगेज थी| 2080 प्राथमिक स्कूलों के निरीक्षण में यह पता चला कि साढ़े पांच लाख बच्चों को मध्याह्न भोजन दिया जा रहा है| जब इसकी गहराई से पड़ताल की गई तो इसमें दो लाख बच्चे फर्जी पाए गए|
जिला शिक्षा विभाग के अधिकारी बताते हैं कि दो लाख बच्चे जिन्होंने कभी स्कूल का मुंह नहीं देखा,वो भी रोजाना मिड डे मील का सेवन कर रहे थे| इनमें से तो कईयों का नामोनिशान नहीं है और कुछ बच्चे दूसरे जगह पढ़ाई करते हैं और वो कभी इन स्कूलों में मिड डे मील लेने नहीं आते| इतने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी देखकर शिक्षा विभाग के अधिकारी भी चकरा गए हैं और अपना माथा पीट रहे हैं| अब पूरी जांच के बाद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी ने बताया कि 251 स्कूलों के हेडमास्टर पर करीब 62 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है| लेकिन अच्छी बात ये है कि कार्रवाई के डर से इनमें से करीब 70 फीसदी रकम हेडमास्टरों ने जमा करा दिया है| विभाग ने एक हेडमास्टर पर 20 हजार से लेकर 1 लाख तक का जुर्माना लगाया है| जिले के शिक्षा पदाधिकारी बताते हैं कि जो हेडमास्टर रुपए जमा नहीं करेंगे उनके खिलाफ विभाग कठोर कार्रवाई करेगा|
वहीं विभाग का कड़ा रुख देख एक दूसरे पर दोषारोपण का खेल भी शुरु हो गया है| एक हेडमास्टर ने बताया कि मुख्य आरोपी को छोड़ दिया गया है और उन्हें मोहरा बनाया जा रहा है| आरोप प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पर भी लग रहे हैं लेकिन फिलहाल किसी ने उनके खिलाफ शिकायत नहीं की है|
दरअसल मिड डे मील योजना केंद्र सरकार के द्वारा शुरू की गई योजना है, जिसके अंतर्गत रूकूल आने वाले बच्चों के समुचित विकास के लिए दिया जाता है। यह योजना पूरे देश में चल रही है। इसमें प्राथमिक और मध्य विद्यालय में पढ़ने वाले सभी छात्रों को दोपहर के समय भोजन उपलब्ध करवाया जाता है।