शाहीन बाग प्रदर्शन: क्या स्कूली बच्चों के लिए बन रहा है परेशानी का कारण?

by Mahima Bhatnagar
Shaheen bagh

नई दिल्ली। ‘क्या इसे विरोध कहते हैं? लोग विरोध कर रहे हैं, लेकिन कोई ये सोच रहा है कि, स्कूल पहुंचने में कितनी दिक्कत हो रही है।’ यह कहना है उन स्टूडेंट्स का, जो शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन के कारण अपने स्कूल और कॉलेज लेट पहुंच रहे हैं और घर आने में उन्हें देरी हो रही है। नोएडा में कई नामी प्राइवेट यूनिवर्सिटी, कॉलेज और स्कूलों के अलावा आईपी यूनिवर्सिटी के कई कॉलेज भी हैं। दिल्ली के हजारों बच्चे वहां पढ़ने के लिए रोज आते-जाते हैं। बाहरी और उत्तरी दिल्ली के स्टूडेंट्स कालिंदी कुंज-नोएडा रोड बंद होने से बहुत परेशान हैं।

इसे भी पढ़ें: CAA प्रोटेस्ट: शहर-शहर शाहीन बाग, इन शहरों में हो रहे हैं प्रदर्शन, इतने घंटे से डटी हैं महिलाएं

स्टूडेंट्स का कहना है कि, 3 से 4 घंटे तक जब हम सफर ही करते रहेंगे तो पढ़ेंगे कब? इसके कारण हम सफर में इतना थक जाते हैं कि, सही तरीके से पढ़ाई भी नहीं कर पाते हैं। स्कूल व कॉलेज से घर आने के बाद इतना समय नहीं मिल पाता कि होम वर्क पूरा कर सके। धरेन और राहुल बताते हैं कि कालिंदी कुंज रोड बंद होने से कई स्टूडेंट्स कुछ दिन स्कूल नहीं जा सके थे। अब भी वे रेगुलर स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, क्योंकि पेपरों की तैयारी करनी है। उसके लिए समय नहीं मिल पाता है।

आने-जाने के 3 लंबे रास्ते
फरीदाबाद से अपनी गाड़ियों या बसों में आने वालों को नोएडा और ग्रेटर नोएडा के रास्ते का सहारा लेना पड़ता है। दूसरा रास्ता डीएनडी रूट है, जिसका इस्तेमाल साउथ और बाहरी दिल्ली से जाने वाले लोगों को करना पड़ रहा है। तीसरा रास्ता मदनपुर खादर गांव के पीछे की तरफ बनी पुलिया है। गाड़ियां उस संकरी पुलिया के बाद नहर के किनारे से होते हुए नोएडा पहुंचती हैं। वापसी का भी यही रास्ता है जो 10 किलोमीटर से अधिक लंबा पड़ता है। इस कारण स्टूडेंट्स को स्कूल, कॉलेज और बिजनेस सेंटर आदि पहुंचने में 2 से 3 घंटे का समय लग रहा है।

इसे भी पढ़ें: नागरिकता संशोधन कानून: विपक्ष के बुलावे से ममता-अरविंद और माया ने किया किनारा

जाम का हाल बेहाल


डीएनडी का सबसे अधिक इस्तेमाल होता है। लेकिन इस प्रदर्शन के कारण यहां पर ट्रैफिक की रफ्तार प्रभावित हो रही है। कई बार पुल से पहले और बाद में गाड़ियां रुक-रुककर खिसकने को मजबूर हैं। मदनपुर खादर की पीछे वाली पुलिया में थोड़ी-थोड़ी देर बाद जाम की स्थिति बनी ही रहती है। ऐसे में अपने तय स्थान जाने वालों को और अधिक देरी हो जाती है। 10 किलोमीटर की दूरी तय करने में एक से डेढ़ घंटे का समय लगना नॉर्मल बात हो गई है।

अनेक गांव व कॉलोनियां भी प्रभावित
कालिंदी कुंज रोड बंद होने के कारण गाड़ियों को दूसरे रास्तों पर जाने के लिए सरिता विहार ‘एच’ ब्लॉक और मदनपुर खादर से होकर गुजरना पड़ता है। कमर्शल गाड़ियां वहां से सबसे ज्यादा गुजरती हैं। इससे स्टूडेंट्स के साथ पैरंट्स भी परेशान हैं। उनका कहना है कि शांत रहने वाली सड़कों पर ट्रैफिक का शोर इतना अधिक हो रहा है कि उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

इसे भी पढ़ें: जानें कब-कब विवादों में रहा जेएनयू