राज्य में पुलिस थानों के मालखानों में रखी लाखों लीटर शराब चूहे पी गए, थानेदारों के इस तर्क की तो फिलहाल जांच चल रही है. लेकिन आगे से थानेदारों को जब्त शराब की एक-एक बूंद का हिसाब रखना होगा| अगर ऐसा नहीं हुआ तो उनपर गाज गिर सकती है|अब थानों में जब्त शराब को एक महीन के अंदर नष्ट करना होगा| पुलिस महकमा इस बात को पचा नहीं पा रहा कि लाखों लीटर शराब आखिर चूहे पी कैसे गए? राज्य पुलिस मुख्यालय ने मालखानों में रखी जा रही शराब की सुरक्षा और उन्हें नष्ट करने के संबंध में सभी जोनल आईजी,रेंज डीआईजी और जिलों के एसपी को निर्देश जारी किए हैं| निर्देश में कहा गया है कि मालखानों में रखी शराब के एक-एक बूंद का हिसाब थानाध्यक्षों को रखना होगा और इसमें किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी| साथ ही थानेदारों को रोजाना जब्त होने वाली शराब के संबंध में अपने जिले के एसपी को जानकारी उपलब्ध करानी होगी| जिसमें न केवल शराब की मात्रा बल्कि ब्रांड के बारे में भी सारी जानकारी उपलब्ध करानी होगी|
मालखानों तक पहुंचने वाली शराब का हिसाब मुख्यालय को देना होगा। दरअसल, रख-रखाव के अभाव में लंबे समय तक मालखानों में शराब को सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है। क्योंकि मालखानों में शराब की बोतलों को सुरक्षित रखना मुश्किल है। कई बार चूहे बोलतों की कॉर्क काट देते हैं जिससे शराब बह जाती है।
पुलिस मुख्यालय द्वारा सभी जिलों व रेल जिलों के एसपी को वाहन तलाशी का सघन अभियान चलाने का निर्देश भी दिया गया है। साथ ही चोरी-छुपे शराब की हो रही खरीद-बिक्री के संबंध में जानकारी हासिल करने के काम में थानों के मुखबिरों की मदद ली जाए।