आज है सावन की शिवरात्री, शिवजी की पूजा के अलावा इन मामलों में भी है लाभकारी

by Mahima Bhatnagar

नई दिल्ली। आज है सावन की शिवरात्री। सावन के महीने में शिवरात्रि का विशेष महत्व माना गया है। साथ ही आज त्रयोदशी तिथि भी है जो रात 10 बजकर 45 मिनट तक है। इसके बाद चतुर्दशी तिथि लग जाएगी। मध्यरात्रि में चतुर्दशी तिथि होने से शिवरात्रि भी कल की मानी जाएगी। इस दिन रात्रि जागरण और शिवजी की पूजा मोक्षदायिनी मानी जाती है। इसलिए सावन के महीने में सबसे ज्यादा कांवड़ इसी दिन चढ़ता है। इस अवसर पर सभी शिव मंदिर में भक्तों में लंबी कतार रहेगी। बड़े संयोग की बात यह भी है कि इस दिन गुरुवार है और पुष्य नक्षत्र भी लग रहा है जिससे गुरुपुष्य योग भी बना है। शिवरात्रि, त्रयोदशी और गुरु पुष्य योग इन तीन संयोगों के कारण इस साल सावन शिवरात्रि का महत्व काफी बढ़ गया है।

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आइए जानते हैं सावन के इस अद्भुत संयोग के बारे में

सावन मास में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी के दिन संध्या काल में शिवजी की पूजा और जलाभिषेक बहुत ही शुभ फलदायी माना गया है। इस समय को प्रदोष काल माना गया है, जब भगवान शिव अत्यंत प्रसन्न मुद्रा में नृत्य करते हैं। इस समय शिवजी और देवी पार्वती की पूजा से मनोकामना पूरी होती है ऐसा शिव पुराण में बताया गया है। कहते हैं सृष्टि के अंत में प्रदोष काल में ही शिवजी सृष्टि का अंत करेंगे।

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साल में एक महाशिवरात्रि होती है और पूरे साल में हर महीने कृष्ण पक्ष में चतुर्दशी तिथि आती है, जिसे मास शिवरात्रि कहते हैं। मास शिवरात्रि के दिन शिव की पूजा करने से शिवजी की सदैव कृपा बनी रहती है। सावन भगवान शिवजी का प्रिय महीना है इस मास में शिवरात्रि के अवसर पर शिवजी की पूजा गृहस्थजीवन, आरोग्य एवं सुख-शांति दायक मानी गयी है।