भाई-बहन के अनमोल रिश्तों पर आधारित कई कहानियां आपने अब तक अपनी दादी-नानी से सुनी होगी। यह सच है कि इस रिश्ते की मिठास बाकी सभी रिश्तों से बिल्कुल अलग और बेमिसाल है। इसी अद्भुत रिश्ते पर आधारित जो कहानी हम आज आपको बताने वाले हैं अपने आप में काबिल-ए-तारीफ है और समाज के लिए एक नज़ीर भी। खास बात यह भी कि यह एक रियल स्टोरी है। यह कहानी है मध्य प्रदेश में रहने वाली 15 साल की संगीता कुमारी की।
कुछ सालों पहले एक हादसे में संगीता ने अपने प्यारे भइया को हमेशा-हमेशा के लिए खो दिया था। उस वक्त इस हादसे ने संगीता को तोड़ दिया। धीरे-धीरे संगीता का गम तो कुछ कम हुआ लेकिन अपने प्यारे भइया के प्रति उसका प्यार हर दिन बढ़ता ही गया। अपने प्यारे भइया के लिए यह संगीता का स्नेह ही था जो उसे बिहार के गया जिले में ले आया। संगीता अपने पिता के साथ गया पहुंची। यहां आकर संगीता ने अपने भाई के लिए अपना फर्ज निभाया।
संगीता ने देवघाट पर जाकर अपने बड़े भाई का पिंडदान किया। घाट पर पूरे विधि-विधान के साथ संगीता ने सभी प्रक्रियाएं की और अपने भइया की आत्मा की शांति और मोक्षे के लिए प्रार्थना भी की। अपने भाई के लिए संगीता के इस प्रेम को देखकर वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें भर आईं।