नई दिल्ली। श्रीलंका में हुए सबसे भयानक ब्लास्ट ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है। इस हमले में मरने वालों की संख्या का आकड़ा 290 के पार पहुंच गया है। रविवार को ईस्टर के मौके पर चर्च और होटलों समेत कुल 8 सीरियल ब्लास्ट हुए थे। हमले में 450 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इसमें कई की हालत गंभीर है। सीरियल ब्लास्ट की जांच कर रही श्रीलंकाई पुलिस अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इधर सोमवार सुबह कोलंबो एयरपोर्ट के पास एक और बम बरामद हुआ है। इसे सुरक्षाबलों ने समय रहते डिफ्यूज कर दिया। हमले में 4 भारतीयों की भी मौत हुई है। रविवार रात तक मृतकों की संख्या 215 थी।
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हमले के बाद अफवाहों से बचने के लिए एहतियातन पूरे देश में सोशल मीडिया पर रोक लगा दी गई है। वहीं शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक पूरे देश में कर्फ्यू लगाया गया था। सुबह 6 बजे कर्फ्यू हटा लिया गया। गृहयुद्ध के बाद बीते 10 सालों से शांत रहने वाला ये द्वीपीय देश रविवार को सीरियल धमाकों से दहल गया। अधिकांश धमाके राजधानी कोलंबो में हुए हैं।
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इस हमले पर भारत भी नजर बनाए हुए है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे से फोन पर बात की और आतंकवादी हमले को क्रूर और सुनियोजित बर्बर आतंकी हमला बताया। पीएम मोदी ने कल ही कह दिया था कि वे भीषण हमला झेलने वाले पड़ोसी मुल्क के साथ मजबूती से खड़े हैं। पीएम मोदी ने श्रीलंका को हरसंभव मदद देने की भी बात कही है। हमले में चार भारतीय, पीएस रजीना, लक्ष्मी, नारायण चंद्रशेखर और रमेश की मौत हुई है। इधर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि पूरे मामले में नजर रखी जा रही है।
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श्रीलंकाई पुलिस प्रवक्ता रुवान गुणसेकरा ने कहा कि नेशनल अस्पताल में 66 शव पहुंचे हैं। यहां 260 घायलों का इलाज हो रहा है। वहीं नेगोंबो अस्पताल में 104 शव पहुंचे हैं। वहां करीब 100 घायलों का उपचार हो रहा है। नेशनल अस्पताल के निदेशक अनिल जासिघे ने कहा कि मृतकों में 11 विदेशी नागरिक हैं, जिनमें पोलैंड, डेनमार्क, चीन, जापान, पाकिस्तान, अमेरिका, भारत, मोरक्को और बांग्लादेश के लोग शामिल हैं। 9 लापता और 25 मृतकों की शिनाख्त नहीं हो सकी है। फिलहाल 19 विदेशी नागरिकों का अलग-अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है।
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रविवार सुबह 8.30 बजे कोलंबो स्थित कोच्चिकाडे के सेंट एंथनी चर्च में पहला धमाका हुआ। चर्च में सैकड़ों लोग ईस्टर की प्रार्थना सभा के लिए जमा हुए थे। इसके बाद पांच और शक्तिशाली विस्फोट हुए, जिनके जरिए तीन आलीशान होटलों और यहां से 30 किलोमीटर दूर नेगोम्बो के सेंट सेबेस्तियन चर्च, और कोलंबो से पूर्व 250 किलोमीटर दूर बट्टीकलोवा में स्थित जियॉन चर्च को निशाना बनाया गया।