सूबे के मुखिया नीतीश कुमार की विधान परिषद् की सदस्यता रद्द करने को लेकर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में राज्य निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी किया है। दरअसल सीएम के खिलाफ अदालत में एक जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में कहा गया है कि नीतीश कुमार ने अपने चुनावी एफेडेविट में इस बात की जानकारी छिपाई है कि उनपर आपराधिक मामला चल रहा है। याचिकाकर्ता मनोहर लाल शर्मा ने अपनी याचिका में कहा है कि वर्ष 1991 में लोकसभा चुनाव के दौरान एक कांग्रेस कार्यकर्ता सीताराम सिंह की गोली मारकर हत्या करने का केस नीतीश कुमार के खिलाफ पटना हाईकोर्ट मेंचल रहा है। उनका दावा है कि सीएम ने वर्ष 2012 को छोड़कर वर्ष 2004 के बाद कभी भी अपने खिलाफ लंबित मामले की जानकारी चुनाव एफेडेविट में नहीं दी। ऐसे हालात में नीतीश कुमार के विधान परिषद सदस्यता को खत्म करने की मांग की गई है। इस याचिका में न्यायालय से सीबीआई को इस मामले में नीतीश कुमार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का अनुरोध भी किया गया है।