नई दिल्ली। केरल को सबरीमाला मंदिर में महिलाओं की एंट्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक एतिहासिक फैसला सुनाया। फैसले में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी गई है। कोर्ट ने साफ कहा कि, हर उम्र वर्ग की महिलाएं अब मंदिर में प्रवेश कर सकेंगी। हमारे देश में महिलाओं को देवी का स्थान दिया गया है, और मंदिर में उन्हें ही जाने से रोका जा रहा है।
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चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने फैसला पढ़ते हुए कहा, ‘धर्म के नाम पर पुरुषवादी सोच ठीक नहीं है। उम्र के आधार पर मंदिर में प्रवेश से रोकना धर्म का अभिन्न हिस्सा नहीं है।’ आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला 4-1 के बहुमत से आया है।
Right to worship is given to all devotees and there can be no discrimination on the basis of gender: Chief Justice of India Dipak Misra. SC has allowed entry of all women in Kerala’s #Sabarimala temple pic.twitter.com/jGdRMlH1l6
— ANI (@ANI) September 28, 2018
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फैसला पढ़ते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि भगवान अयप्पा के भक्त हिंदू हैं, ऐसे में एक अलग धार्मिक संप्रदाय न बनाएं। कोर्ट ने कहा कि संविधान के अनुछेद 26 के तहत प्रवेश पर बैन सही नहीं है। संविधान पूजा में भेदभाव नहीं करता है। माना जा रहा है कि इस जजमेंट का व्यापक असर होगा।
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