तीन तलाक शादी तोड़ने का सबसे घटिया तरीका-सुप्रीम कोर्ट

by TrendingNews Desk

तीन तलाक की सांवैधानिक वैधता पर सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने इसे शादी खत्म करने का सबसे घटिया तरीका बताया है| कोर्ट ने कहा कि भले ही इस्लाम की अलग-अलग विचारधाराओं में इसे ‘वैध’ बताया गया हो लेकिन ये सबसे अवांछनीय तरीका है|तीन तलाक की संवैधानिक वैधता के मुद्दे पर सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को बड़ी टिप्पणी की। इससे पहले मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने कहा कि मुस्लिमों की शादी में निकाहनामें एक शर्त डालकर तीन तलाक को महिलाएं ना भी कह सकती हैं| खुर्शीद इस मामले में कोर्ट की तरफ से अमीकस क्यूरी की भूमिका निभा रहे हैं| कोर्ट को ये भी बताया गया कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान,मोरक्को,सऊदी अरब जैसे देश तीन तलाक को मान्यता नहीं देते|
वहीं, तीन तलाक पीड़ितों में से एक की ओर से अदालत में पेश सीनियर वकील राम जेठमलानी ने इस प्रथा की कठोर शब्दों में आलोचना की। जेठमलानी ने तीन बार तलाक को ‘घृणित’ बताते हुए कहा कि यह महिलाओं को तलाक का समान अधिकार नहीं देता। कोर्ट ने कहा, ‘तीन तलाक का अधिकार सिर्फ पुरुषों के पास है, महिलाओं को नहीं। यह संविधान के बराबरी के अधिकार से जुड़े आर्टिकल 14 का उल्लंघन है।’ जेठमलानी ने कहा, ‘शादी तोड़ने के इस तरीके के पक्ष में कोई दलील नहीं दी जा सकती। शादी को एकतरफा खत्म करना घिनौना है, इसलिए इससे दूरी बरती जानी चाहिए।’