बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने एक बार फिर लालू परिवार पर हमला बोला है| सुशील मोदी ने कहा कि लालू प्रसाद जब रेल मंत्री थे तब उन्होंने हजारों करोड़ की संपत्ति जमा करने का काम किया| सुशील मोदी ने कहा कि ललन चौधरी नाम के एक शख्स ने लालू परिवार को 31 लाख की संपत्ति राबड़ी देवी को दान में दे दिया| इसके अट्ठारह दिनों बाद ही ललन चौधरी ने अपनी 62 लाख की 7.75 डिसमिल जमीन लालू की पांचवी बेटी को नाम दान दे दी| ललन चौधरी ने यह जमीन 29 मार्च 2008 को विशुन देव राय के पिता से मात्र 4 लाख 21 हजार में खरीदा था| आठ सालों बाद इस जमीन की कीमत पंद्रह गुणा बढ़ाकर 62 लाख रुपया दिखाया गया और ललन चौधरी ने न केवल जमीन ही नहीं दी बल्कि 6 लाख 28 हजार रुपए की स्टाम्प ड्यूटी और निबंधन शुल्क भी चालान से एसबीआई पटना की मुख्य शाखा में नगद जमा करा दिया|
ललन चौधरी का नाम सियाडीह पंचायत के बीपीएल सूची में शामिल है और इनके नाम पर इंदिरा आवास भी आवंटित हुआ है जिसके पैसों से ललन चौधरी ने गांव में मकान बनाया है| ललन चौधरी के गांववालों ने ये जानकारी दी है कि वो पिछले बीस सालों से लालूजी के खटाल में जानवरो को चारा खिलाते हैं|
सुशील मोदी ने पूछा कि अब सवाल ये उठता है कि आखिर ललन चौधरी के पास इतनी संपत्ति कहां से आयी अगर वो बीपीएल कार्ड धारक है? आखिर क्यों ललन चौधरी ने अपनी करोड़ों की संपत्ति राबड़ी देवी और उनकी बेटी को दान में दे दी?
सुशील मोदी ने आरोप लगाया कि आखिर क्यों लालू प्रसाद ललन चौधरी को मीडिया के सामने नहीं ला पाए| मोदी ने ये भी आरोप लगाया कि आखिर क्यों विशुन देव राय और रत्नेश्वर यादव के परिवार के सदस्यों को रेलवे में नौकरी दी गयी?और इस काम के बदले ललन चौधरी के नाम साल 2008-09 में पटना शहर की कीमती जमीन मुफ्त में लिखवा ली गयी और छह साल बाद इस जमीन को ललन चौधरी से दान में राबड़ी देवी को लिखवाकर कब्जे में कर लिया गया|
सुशील कुमार मोदी ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की है साथ ही ललन चौधरी को लोगों के सामने पेश करने की बात कही है|