पूर्व उपमुख्यमंत्री व भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कई तीखे सवाल किए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि नीतीश कुमार ने कुर्सी की खातिर किया लालू से समझौता कर लिया है।पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा है कि नैतिकता और नीति-सिद्धांतों की दुहाई देने वाले नीतीश कुमार ने सत्ता और कुर्सी के लिए भ्रष्टाचार के पर्याय लालू प्रसाद से समझौता कर लिया है। जिस व्यक्ति और जिसके आतंकराज के खिलाफ भाजपा के साथ लड़ाई लड़ कर नीतीश ने बिहार को मुक्ति दिलाई, उसी को गले लगा लिया। अपनी कुर्सी की खातिर उसी के बचाव में खड़े हैं।उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बताएं कि 1993 में लालू प्रसाद की पार्टी से अलग होकर उन्होंने समता पार्टी क्यों बनाई? शिवानंद तिवारी, ललन सिंह को आगे कर पटना हाईकोर्ट में लालू के खिलाफ याचिका क्यों दाखिल कराई? लालू प्रसाद को जेल भिजवाने में क्यों आगे रहे? 15 साल के ‘आतंक राज’ को खत्म करने के लिए न्याय यात्रा क्यों निकाली?
सुशील मोदी ने पूछा कि राबड़ी देवी के खिलाफ ललन सिंह द्वारा दायर मानहानि के मुकदमे को वापस क्यों करा दिया? जिसके राज में बिहारी कहलाना शर्म की बात थी, जिसके कुशासन से हजारों व्यवसायी, डॉक्टर व अन्य कारोबारियों को बिहार से पलायन करना पड़ा आखिर उससे हाथ क्यों मिला लिया? कहा कि लालू प्रसाद को दो साल पहले तक बिहार की बर्बादी का रोड मैप कहने वाले नीतीश कुमार आज उसी लालू प्रसाद के साथ खड़े हैं?
सुशील मोदी ने पूछा कि क्या बिहार और बिहारियों को अपमानित करने वाले का साथ देने के लिए आज नीतीश कुमार बिहारवासियों से माफी मांगेंगे? नीतीश कुमार भले ही आज कांग्रेस और राजद से समझौता कर लें, मगर 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार की जनता उन्हें माफ नहीं करने वाली है।