नदी धनौती मछरी रेवा, खा ल ई बैकुंठ के मेवा। देशभटक पांड़े के मन में ठीक वैसी ही उथल-पुथल मची है जैसी उथल-पुथल लंगड़ मल्लाह के…
असित नाथ तिवारी
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चंदा मामा आएगा, दूध-भात लाएगा चांदी के चम्मच से तुझको खिलाएगा माई ने कह दिया, गुनगुनाते रहे हम माड़, भात, नूून खाते रहे हम माटी के चूल्हे पर तसला चढ़ाती…
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याद है तुमको पहला-पहला प्यार बोलो मेरे यार अंगुली पकड़ के दादी ने जब कदम चलाए पहली बार और कंधे पर ले दादाजी जब लगे दिखाने…