सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक से संबंधित याचिकाओं की सुनवाई शुरू हो गई है| कोर्ट ने साफ कर दिया है कि वो सिर्फ तीन तलाक पर ही फैसला देगी, एक से अधिक शादियां पर नहीं| हालांकि कोर्ट ने ये जरूर कहा कि तीन तलाक पर सुनवाई के दौरान अगर जरूरत पड़ी तो निकाह हलाल पर भी चर्चा कर सकती है|मामले की सुनवाई पांच जजों की सदस्यता वाली संवैधानिक पीठ करेगी जिसकी अध्यक्षता मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जेएस खेहर कर रहे है| इस पीठ में सीजेआई खेहर के अलावा जस्टिस कुरियन जोसफ, आरएफ नरीमन, यूयू ललित और अब्दुल नजीर भी शामिल हैं|
संवैधानिक पीठ जो तीन तलाक पर सुनवाई कर रही है इसमें शामिल पांचों जज सिख, ईसाई, पारसी, हिंदू और मुस्लिम समुदायों का प्रतिनिधित्व करते हैं|
एक सप्ताह पहले वरिष्ठ वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद को इस मामले में कोर्ट की मदद के लिए अमिकस क्यूरी नियुक्त किया गया था| अब सुप्रीम कोर्ट ने सांवैधानिक पीठ का गठन किया है|
बता दें कि तीन तलाक की प्रथा मुस्लिम व्यक्ति को अपनी पत्नी को तीन बार तलाक कहकर शादी खत्म करने का अधिकार देती है| इस प्रथा को लेकर हाल ही में सार्वजनिक मंचों पर काफी बहस देखने को मिली है| मुस्लिम नेताओं का कहना है कि तीन तलाक की वैधता पर सवाल उठाना उनके धार्मिक कानून में दखल है|
वहींं इस मुद्दे पर मोदी सरकरी का कहना है कि इस मसले को राजनीतिक चश्मे से नहीं देखना चाहिए| पीएम मोदी ने कहा था कि वो देश में मुस्लिम बेटियों की तकलीफ के खिलाफ लड़ेंगे| साथ ही उन्होंने कहा था कि उनकी सरकार इस पुराने पड़ चुके कानून को समाप्त करेगी|