नई दिल्ली। बिहार में जहां एक तरफ सीट बंटवारे को लेकर सियासत गरमाई हुई थी। लेकिन अब वहां बंगले की राजनीति शुरू हो गई है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक लिस्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि नीतीश कुमार की सरकार ने किन अपनों को नियमों को दरकिनार कर बंगले आवंटित किए हैं। यह मामला तब गरमाया, जब बुधवार को तेजस्वी यादव से बंगला खाली कराने जिला प्रशासन की टीम पहुंची।
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तेजस्वी से बंगला खाली कराने पहुंचा प्रशासन
विदित हो कि बुधवार की सुबह जिलाधिकारी के आदेश पर प्रशासनिक अधिकारी पुलिस बल के साथ नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का आवास खाली कराने पहुंच गए। इसकी भनक लगते ही तेजस्वी यादव के पक्ष में बंगला के गेट पर पहले से एक पर्चा साटा गया था, जिसमें बताया गया था कि बंगला खाली कराने का मामला फिलहाल हाईकोर्ट में है।
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इसे देखकर प्रशासनिक अधिकारी असमंजस में पड़ गए। इसी बीच राजद के विधायक व नेता वहां धरने पर बैठ गए। बाद में प्रशासन की टीम बंगला खाली कराए बिना लौट गई।
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दरअसल, यह बंगला सरकार ने उपमुख्यमंत्री को आवंटित कर रखा है। तेजस्वी जब उपमुख्यमंत्री थे, तब यह उनके नाम से आवंटित था। बाद में जब महागठबंधन की सरकार गिरी, तब राजग की नई सरकार में सुशील मोदी उपमुख्यमंत्री बने। सरकार ने यह बंगला भी उन्हें आवंटित किया। लेकिन तेजस्वी ने बंगला खाली करने से इनकार करते हुए कोर्ट की शरण ली। मामला फिलहाल कोर्ट में लंबित है।