अगर आप रेलवे की तैयारी कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है। रेलवे की तैयारी करने वाले लाखों अभियर्थियों के लिए आज का दिन काफी सुकून देने वाला रहा। लंबे समय से रेलवे अभियर्थियों के विरोध के बाद रेलवे बोर्ड ने आखिरकार अभियर्थियों के मांगो को मानते हुए रेलवे की परीक्षा में आईटीआई की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है।इस बात की जानकारी स्वयं रेलमंत्री पीयूष गोयल ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट करके दी है।
जिसके बाद रेलवे की परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्र छात्राओं ने राहत की सांस ली। अभियार्थियों ने रेलमंत्री पीयूष गोयल के इस फैसले का स्वागत किया है।
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दरअसल भारतीय रेलवे ने विभिन्न पदो के लिए तकरीबन 90 हज़ार की बम्बर बहाली निकली है। जिसे लेकर अभियार्थियों में काफ़ी उत्साह देखी जा रही थीं। लेकिन ग्रुप डी की परीक्षा में आईटीआई की अनिवार्यता ने लाखों अभियार्थियों के रेलवे की नौकरी के सपनों को तोड़ दिया था। जिसके बाद बिहार के आरा समेत कई जिलों से लगातार अभियर्थी ग्रुप डी की परीक्षा से आईटीआई हटाने की मांग कर रहे थे।
रेलवे के फॉर्म के महंगे होने पर पीयूष गोयल ने दी सफाई-
रेलवे की 90000 हज़ार की बम्पर बहाली को लेकर एक और विवाद फॉर्म फी को लेकर था। जिसे रेलमंत्री पीयूष गोयल ने इस मामले में अपनी ओर से सफ़ाई दी। दरअसल रेलवे ने जो वेकैंसी निकली हैं,उसमें रेलवे के अभ्यर्थियों से सामान्य वर्ग से 500 रुपए जबकि एसटी – एससी अभियथियो से 250 रुपए मांगे जा रहे थे जबकि पिछली बार फॉर्म के लिए रेलवे बोर्ड 40 रुपए मांग रहा था। इसपे रेलमंत्री ने कहा कि पहले कई छात्र छात्राए फॉर्म भरने के बाद भी परीक्षा में नही शामिल होते थे।जिसे सरकार को काफ़ी नुकसान उठाना पड़ता था । लेकिन इस बार यह फैसला लिया गया कि सामान्य वर्ग के अभियर्थी इस बार परीक्षा में शामिल होंगे पर 400 रुपए लौटाया दिया जाएगा जबकि एसटीएटी के छात्र छात्राओ के फी भी एग्जाम के बाद लौटा दिए जाएंगे।लेकिन वैसे अभियर्थी जो फॉर्म भरने के बाद परीक्षा में शामिल नहीं हुए उन्हें कोई सहूलियत नहीं दी जाएगी।
Report- Manish Shrivastava