‘प्रभु’ आपकी लीला सही में अपार है| कभी आप यात्रियों के जेब से कैसे पैसे निकाले जाएं इसका बहाना ढूंढ़ते हैं, तो कभी दो दिलों को मिलाने से भी पीछे नहीं हटते| कभी आपकी बातें मन को अशांत करती हैं, तो कभी गर्व का अनुभव भी कराती हैं| अशांत इसलिए कि आप सुविधाओं के बदले जेबें ढीली करने का रास्ता ढूंढ़ते हैं, और गर्व इसलिए कि एक छोटी सी ट्वीट पर भी आप तुरंत फैसले लेते हैं और लोगों को मदद पहुंचाते हैं| मामला आरा का है जहीं बड़ी खुशियों के साथ दूल्हे मियां ने खुद का और बारातियों का दिल्ली जाने के लिए आरक्षण मगध एक्सप्रेस में कराया| भला दूल्हे मियां को कहां पता था कि मगध एक्सप्रेस इनती लेट चलेगी की कि वो शादी के दिन के अगले दिन दिल्ली पहुंच पाएंगे| खैर बड़ी धूमधाम और तामझाम के साथ दूल्हे मियां और बाराती मगध एक्सप्रेस पकड़ने स्टेशन पहुंचे| लेकिन स्टेशन पहुंचते ही दूल्हे और बारातियों की इच्छाओं पर मानो वज्रपात हो गया जब उन्हें पता चला कि जिस ट्रेन से वो अपनी दुल्हन से मिलने जा रहे हैं वो तो काफी लेट चल रही है| जबतक वो दिल्ली पहुंचेंगे तबतक तो काफी देर हो चुकी होगी और शादी का मुहुर्त भी बीत जाएगा| शादी की उमंगों के बीच परेशान दूल्हे मियां ने तरकीब निकाली और रेल मंत्री सुरेश प्रभु को ट्वीट कर दिया और प्रभु से गुहार लगाई कि हे प्रभु, क्या कुंवारा ही रह जाऊंगा? दो दिल को भला आप कैसे जुदा कर सकते हैं? ट्विटर के माध्यम से दूल्हे सुशील ने प्रभु तक अपनी बात पहुंचाई| प्रभु के कार्यालय से निर्देश आने के बाद गाड़ी ने रफ्तार पकड़ ली और अंततः थोड़ी देर बाद ही सही, लेकिन ट्रेन दिल्ली पहुंच गई और दूल्हा—दुल्हन साथ जीने—मरने की कसमें खाकर एक—दूजे के हो गए| दोनों के साथ बाराती व घर के लोगों ने भी रेल मंत्री सुरेश प्रभु को दिल से धन्यवाद दिया|
बताया जा रहा है कि कि भोजपुर जिले के बिहिया प्रखंड के नावाडीह गांव निवासी निर्मल ओझा के पुत्र सुशील कुमार की सोमवार को नई दिल्ली में शादी थी| रविवार को मगध एक्सप्रेस ट्रेन में तय समय पर चढ़ने के लिए 86 बारातियों के साथ दूल्हा भी स्टेशन पर पहुंचा| जो ट्रेन शाम 7:04 बजे आने वाली थी, वह 10:35 पर रात्रि में आरा रेलवे स्टेशन पहुंची| दूल्हा के साथ बाराती भी खुशी—खुशी बैठे कि चलो अब दिल्ली पहुंच जाएंगे| मगर होनी कुछ और ही कहानी कहने वाली थी| अगले स्टेशन पर ट्रेन फिर देर से खुली जैसे ही ट्रेन खुली उस पर बैठे यात्रियों ने कहा कि जब दिल्ली जाना था तो 1 दिन पहले चलते| कुछ देर तक तो दूल्हा एवं बारातियों को बात समझ में नहीं आई| लेकिन ट्रेन जब लेट—लतीफ़ होने लगी तो इसके बाद दूल्हा सुशील की धड़कनें बढ़ने लगी| सुशील बताते हैं कि सुरेश प्रभु और उनकी टीम की कृपा से ही आज मैं दुल्हा बन पाया हूं| वहीं दुल्हन प्रीति ने बताया कि आज हम प्रभु की कृपा से साथ—साथ हैं|