नई दिल्ली। बिहार एनडीए के भीतर जिस तरह से सीटों के बंटवारे को लेकर हलचल मची हुई है। इस हलचल की तस्वीरें अभी तक पूरी तरह साफ नहीं हो हुई हैं।
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हालांकि, ऐसा लगने लगा है कि केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा एनडीए छोड़ना नहीं चाहते हैं। उनके बयानों से ऐसा लग रहा है कि अपने अपमान के बावजूद जनता की मांगों के समर्थन में कुशवाहा सीटों की संख्या जैसे मुद्दे को दरकिनार करने के लिए तैयार हैं। दरअसल उपेंद्र कुशवाहा ने शिक्षा में सुधार को आधार बनाकर एक नया राजनीतिक पासा फेंका है और उनकी मांग है कि इस संबंध में उनकी 25 सूत्री मांगों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मान लें।
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सोमवार को पटना में एक संवाददाता सम्मेलन में कुशवाहा ने इसी मुद्दे पर कहा कि जब से वे केंद्रीय मंत्री हैं, बिहार में शिक्षा के सुधार के लिए उन्होंने भरसक प्रयास किया। हालांकि, उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी आरोप लगाया कि राज्य में केंद्रीय विद्यालय खोलने को लेकर सीएम का रवैया न करेंगे, न करने देंगे जैसा था। जनता दल यूनाइटेड के प्रवक्ताओं द्वारा अपने ऊपर निष्क्रिय होने के आरोप पर कुशवाहा ने सफ़ाई दी और कहा कि अगर यह साबित हो गया तो मैं राजनीति से संन्यास ले लूंगा। इस संवादाता सम्मेलन में कुशवाहा ने बिंदुबार अपने ऊपर लगे सभी आरोपों पर सफ़ाई दी।
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