नई दिल्ली। आज है विश्वकर्मा डे। इस दिन लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना करते हैं। इस दिन फैक्ट्रियों में लगी मशीनों की पूजा की जाती है, क्योंकि कहा जाता है कि विश्वकर्मा दुनिया के सबसे पहले इंजीनियर और वास्तुकार थे। यह पूजा आश्विन कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को की जाती है।
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पूजन-विधि
भगवान विश्वकर्मा की पूजा और यज्ञ विशेष विधि-विधान से होता है। इसकी विधि यह है कि यज्ञकर्ता पत्नी सहित पूजा स्थान में बैठे। इसके बाद विष्णु भगवान का ध्यान करें।
तत्पश्चात् हाथ में पुष्प, अक्षत लेकर मंत्र पढ़े और चारों ओर अक्षत छिड़के। अपने हाथ में रक्षासूत्र बांधे एवं पत्नी को भी बांधे। पुष्प जलपात्र में छोड़ें। इसके बाद हृदय में भगवान विश्वकर्मा का ध्यान करें। दीप जलाएं, जल के साथ पुष्प एवं सुपारी लेकर संकल्प करें।
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शुद्ध भूमि पर अष्टदल कमल बनाए। उस पर जल डालें। इसके बाद पंचपल्लव, सप्त मृन्तिका, सुपारी, दक्षिणा कलश में डालकर कपड़े से कलश की तरफ अक्षत चढ़ाएं। चावल से भरा पात्र समर्पित कर विश्वकर्मा बाबा की मूर्ति स्थापित करें और वरुण देव का आह्वान करें।
पुष्प चढ़ाकर कहना चाहिए- ‘हे विश्वकर्माजी, इस मूर्ति में विराजिए और मेरी पूजा स्वीकार कीजिए’। इस प्रकार पूजन के बाद विविध प्रकार के औजारों और यंत्रों आदि की पूजा कर हवन यज्ञ करें।
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