भारत में कोरोना वायरस महामारी को एक साल से अधिक समय हो चुका है…. 22 मार्च 2020 को भारत में कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन लगा था… पिछले एक साल में जहां कोरोना वायरस के मामलों को 97 हज़ार से नौ हज़ार तक पहुंचते देखा गया वहीं, अब फिर से कोरोना वायरस ने रफ़्तार पकड़ ली है और आंकडा 12,64,698 के पार पहुंच गया है। अगर आप नहीं जानते तो हम आपको बता दें कि, कोरोना के सबसे ज्यादा मामले 29 मार्च को दर्ज किए गए ये वो दिन था जब कोरोना की दूसरी लहर ने सबसे बड़ा आकड़ा पार किया। उस दिन कोरोना के 68,020 मामले दर्ज किए गए।
इसे भी पढ़ें: रूसी वैक्सीन स्पूतनिक-वी को भारत में मिली मंजरी
टीकाकरण अभियान
कोरोना वायरस के मामले उस दौरान बढ़ रहे हैं जब देशभर में टीकाकरण अभियान चल रहा है। जनवरी से शुरु हुए इस अभियान को लगभग चार महीने हो चुके हैं। अब तक देशभर में 10 लाख लोगों को कोरोना वायरस का टीका दिया चुका है। सरकारें मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालने करने की लगातार अपील कर रही हैं। इसके लिए सख़्ती भी बरती गई है। अब फिर से समारोहों और सभाओं पर रोक लगाई जा रही है। जहां एक तरफ शादी में आने वाले लोगों की संख्या 50 की गई तो वहीं अंतिम संस्कार में 20 ही लोग शामिल हो पाएगे। साथ ही सिनेमाहॉल जैसी जगाहों में भी संख्या को कम कर दिया गया है। इस सबके बावजूद भी कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। वैक्सीनेशन और हर्ड इम्यूनिटी का प्रभाव नहीं दिख रहा है। ऐसे में कोरोना के अंत और उसके तरीक़ों को लेकर कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
इसे भी पढ़ें: कोविड अपडेट : देश के इन राज्यों में हुई वैक्सीन की किल्लत
पहला तो ये कि कोरोना महामारी की पहली लहर में जहां एक दिन में 97 हज़ार मामले होने में सितंबर तक का समय लग गया था वहीं, इस साल फरवरी से अप्रैल तक के बीच ही 12 लाख से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना फैलने की रफ़्तार में इतनी तेज़ी की वजह क्या है? कई एक्सपर्ट का मानना है कि, जबसे लोगों ने लापरवाही करनी शुरू की है, तबसे केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं, उन्होंने मास्क लगाना, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन ना करना। साथ ही कई लोगों को लगने लगा है कि वैक्सीन की एक डोज़ लेने बाद ही वो इम्यून हो गए हैं। अब उन्हें कोरोना नहीं होगा लेकिन, ऐसा नहीं है। “दूसरी वजह है वायरस के नए वैरिएंट। वायरस के जो नए वैरिएंट मिले हैं वो ज़्यादा संक्रामक हैं। यूके के नए स्ट्रेन में भी यही पाया गया था।
इसे भी पढ़ें: कोविड अपडेट : देश के इन राज्यों में हुई वैक्सीन की किल्लत
ऐसे में वायरस और लोगों के व्यवहार में एकसाथ हुए बदलाव ने दूसरी लहर को जन्म दे दिया है। अगर हमने इसे अभी काबू नहीं किया तो इसे और ज्यादा फैलने से कोई नहीं बचा पाएगा। क्योंकि अगर हम इन नियमों का पालन नहीं करेंगे तो ये हमपर ही हावी होगा। जिसके कारण ये महामारी हमे चारो ओर से घेर लेगी। इसलिए मास्क लगाएंगे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें ताकि इस वायरस का असर कम हो पाए।